उत्तराखंड में चर्चित LUCC चिट फंड घोटाले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में इसके लिए अनुमति दे दी है। इस मामले को लेकर उत्तराखंड के चार सांसदों—अनिल बलूनी (पौड़ी), माला राज्यलक्ष्मी शाह (टिहरी), त्रिवेंद्र सिंह रावत (हरिद्वार), और अजय भट्ट (नैनीताल)—ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
सांसद अनिल बलूनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस मुलाकात की जानकारी दी। उन्होंने गृह मंत्री से आग्रह किया कि इस घोटाले के मुख्य आरोपी जो विदेश भाग गए हैं, उन्हें इंटरपोल की मदद से भारत लाकर न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाए। बलूनी ने कहा कि आरोपियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जिससे भविष्य में कोई गरीबों को इस तरह धोखा देने की हिम्मत न करे।
अमित शाह ने सांसदों को भरोसा दिलाया कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई होगी और दोषियों को उनके अपराध की सजा जरूर मिलेगी।
LUCC (लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी) ने ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं की कमी का फायदा उठाकर हजारों लोगों से करोड़ों रुपये ठगे। कंपनी ने शुरू में लोगों को डबल रिटर्न और लोन का लालच देकर एजेंटों के माध्यम से निवेश कराया। कुछ लोगों को लाभ देकर भरोसा जीता, लेकिन बाद में कंपनी फरार हो गई।
अब तक इस घोटाले में उत्तराखंड के देहरादून, पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में कुल 13 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं।