उत्तराखंड में सीएम धामी एक्शन मोड में, 170 से अधिक अवैध मदरसे हुए सील, जांच के घेरे में कई और मदरसे

देहरादून।  उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में प्रदेश सरकार कानून और व्यवस्था को लेकर बेहद सख्त रुख अपनाए हुए है। चाहे बात धर्मांतरण की हो, लव जिहाद की, लैंड जिहाद की, थूक जिहाद की या अब हालिया चर्चा में आए मदरसा जिहाद की सरकार ने हर मोर्चे पर ठोस और निर्णायक कार्रवाई करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में अवैध गतिविधियों और सामाजिक समरसता को बाधित करने वाले तत्वों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

इसी क्रम में सरकार ने अब अवैध और बिना पंजीकरण के चल रहे मदरसों पर सीधा एक्शन शुरू कर दिया है। अब तक प्रदेश भर में 170 से अधिक मदरसे सील किए जा चुके हैं जो या तो बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे थे या जिनकी गतिविधियां संदिग्ध थीं। इन मदरसों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष सर्वे टीमें गठित की गई थीं जिनकी रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने यह सख्त कार्रवाई की।

ये भी पढ़ें:  बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता: उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक क्षण देहरादून: एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, एनएच-134 पर एक प्रमुख बुनियादी ढांचे की उपलब्धि, बड़कोट -सिलक्यारा बेंड टनल परियोजना की सफलता की आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, टनल निर्माण कार्य के सफल समापन को देखने के लिए उपस्थित थे। प्रमुख इंजीनियरिंग और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टिंग कंपनी रोडिक कंसल्टेंट्स ने इस परियोजना में निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार (Construction Supervision Consultant) की भूमिका निभाई। कंपनी ने टनल निर्माण के सभी चरणों को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कराने में अहम योगदान दिया। अपनी जिम्मेदारियों के तहत, रोडिक ने निर्माण कार्यों की निगरानी की और डिजाइन फाइनल करने, सुरक्षा उपायों और इंजीनियरिंग मानकों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर एनएचआईडीसीएल और ठेकेदार को सलाह दी। रोडिक कंसल्टेंट्स ने सीमेंट, कंक्रीट और एग्रीगेट्स के लिए ऑन-साइट परीक्षणों की देखरेख की और स्प्रेड कंक्रीट और रॉक बोल्ट्स के फील्ड टेस्ट किए, जिससे सख्त गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित किया गया। संगठन ने जनशक्ति और मशीनरी के उपयोग को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाई, ताकि कार्यस्थल पर सुरक्षा और दक्षता बनी रहे। डिजिटल नवाचार को अपनाते हुए, रोडिक ने एक डिजिटल रिक्वेस्ट फॉर इंस्पेक्शन (RFI) सिस्टम और प्रोजेक्ट डेटा प्रबंधन का डिजिटलीकरण किया, जिससे साइट पर पारदर्शिता, दक्षता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। नई उपलब्धि पर बोलते हुए रोडिक कंसल्टेंट्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री राज कुमार ने कहा, “हमें बड़कोट -सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता में अपनी अहम भूमिका पर गर्व है। निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार के रूप में, रोडिक ने पूरे निर्माण कार्य में इंजीनियरिंग गुणवत्ता, सुरक्षा और उत्कृष्टता के सर्वोच्च मानकों को सुनिश्चित किया। हमारी टीम ने परियोजना डेटा के डिजिटलीकरण और डिजिटल आरएफआई सिस्टम जैसे नवाचारों के ज़रिए काम की पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बेहतर बनाया। हम मानते हैं कि यह केवल एक निर्माण उपलब्धि नहीं, बल्कि हर मौसम में बेहतर कनेक्टिविटी, क्षेत्रीय विकास और स्थानीय समुदायों के लिए एक मजबूत भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम भारत सरकार, एनएचआईडीसीएल और अपने सभी प्रोजेक्ट सहयोगियों का उनके निरंतर सहयोग और विश्वास के लिए आभार व्यक्त करते हैं।” इस दिन नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी की गई। 4.531 किलोमीटर लंबी यह दो लेन की एकतरफा टनल एनएच-134 (पुराना एनएच-94) पर धरासू और यमुनोत्री के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी देने के लिए बनाई गई है। यह टनल यात्रा का समय एक घंटे से घटाकर सिर्फ़ पाँच मिनट कर देती है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील जंगलों की भी सुरक्षा होगी। इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल की सफलता उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में पूरे देश में निरंतर विकास हुआ है और उत्तराखंड उस यात्रा में गर्व से योगदान दे रहा है। माननीय मुख्यमंत्री ने विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, मार्गदर्शन और सहयोग के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। सभा को संबोधित करते हुए, श्री अजय टम्टा ने टनल के निर्माण की सफलता के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में, इस परियोजना ने बहुत तेज़ी से प्रगति की है और उत्तराखंड के विकास की गति को पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उल्लेखनीय प्रगति देख रहा है, और चार धाम मार्ग पर सिंगल-लेन सड़कों का दो-लेन राजमार्गों में रूपांतरण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। टनल के निर्माण के बाद, परियोजना अब अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है, जिसमें सड़क निर्माण और विद्युत तथा यांत्रिक प्रणालियों की स्थापना शामिल है। बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल आधुनिक इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग का उदाहरण है।

इन कार्रवाइयों का सबसे अधिक प्रभाव उत्तराखंड के संवेदनशील क्षेत्रों में देखा गया है।देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर और विशेष रूप से वनभूलपूरा (हल्द्वानी) जैसे क्षेत्रों में कई अवैध मदरसे या तो बंद कर दिए गए हैं या जांच के दायरे में हैं। इनमें से कई स्थानों पर ना तो भवन निर्माण की अनुमति ली गई थी, ना ही कोई शैक्षिक मान्यता या सुरक्षा मापदंड पूरे किए गए थे।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरे मामले में साफ संदेश दिया है कि उत्तराखंड को किसी भी प्रकार की अवैध, असंवैधानिक और समाज को तोड़ने वाली गतिविधियों का केंद्र नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि शिक्षा के नाम पर बच्चों को कट्टरता की ओर ले जाने वाली संस्थाएं राज्य में किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएंगी। सरकार ने यह भी संकेत दिए हैं कि यह प्रक्रिया यहीं खत्म नहीं होगी। जिन मदरसों की जांच अभी चल रही है, अगर वे भी नियमों के विरुद्ध पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कठोरतम कदम उठाए जाएंगे।

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मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उत्तराखंड में हर प्रकार की शैक्षिक संस्था वैध रूप से पंजीकृत हो, उनके संचालन में पारदर्शिता हो और वे किसी भी प्रकार की उग्रवादी या कट्टरता फैलाने वाली गतिविधियों का केंद्र न बनें। इस ऐतिहासिक कदम को सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा की गुणवत्ता और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की दिशा में एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है। यह कार्यवाही दर्शाती है कि उत्तराखंड की सरकार केवल कागजों पर नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर कानून का शासन स्थापित करने के लिए कार्य कर रही है।

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