बहुउद्देशीय शिविरों का ऐतिहासिक आयोजन: सेवा, सुशासन और विकास की नई मिसाल

देहरादून: प्रदेश सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में उत्तराखंड में “सेवा, सुशासन और विकास” कार्यक्रम के तहत आयोजित बहुउद्देशीय शिविरों का सफल समापन हुआ। इन शिविरों ने जनता और सरकार के बीच की दूरी को कम करते हुए योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का कार्य किया। प्रदेश के हर जिले, हर विधानसभा और हर ब्लॉक स्तर पर आयोजित इन शिविरों में भारी संख्या में नागरिक पहुंचे, जिससे यह साबित हो गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार के विकास कार्यों पर जनता का पूर्ण विश्वास है।

जनभागीदारी से मिली ऐतिहासिक सफलता

22 मार्च से 25 मार्च तक सभी जिला मुख्यालयों में और 24 मार्च से 30 मार्च तक विधानसभा एवं ब्लॉक स्तर पर इन बहुउद्देशीय शिविरों का आयोजन किया गया। अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, ऊधम सिंह नगर, देहरादून, हरिद्वार, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी और उत्तरकाशी सहित प्रदेश के सभी 13 जनपदों में इन शिविरों को जबरदस्त जनसमर्थन मिला। हजारों नागरिकों ने इसमें भाग लेकर विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया। इस व्यापक भागीदारी ने साबित कर दिया कि सरकार की जनकल्याणकारी नीतियां जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू हो रही हैं।

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स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वरोजगार में बड़ा परिवर्तन

इन शिविरों ने स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वरोजगार और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में लोगों को सीधा लाभ पहुंचाया। निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, दवाइयां, टीकाकरण और आयुष्मान भारत योजना के तहत सैकड़ों जरूरतमंदों को राहत मिली। शिक्षा के क्षेत्र में छात्रवृत्ति, पाठ्य पुस्तकें और डिजिटल शिक्षा उपकरण वितरित किए गए, जिससे हजारों छात्र लाभान्वित हुए।

स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुद्रा योजना और स्टार्टअप योजनाओं के तहत युवाओं और महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन प्रदान किया गया। किसानों को कृषि योजनाओं की जानकारी, अनुदान और आधुनिक तकनीकों से अवगत कराया गया, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ सके।

ये भी पढ़ें:  बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता: उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक क्षण देहरादून: एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, एनएच-134 पर एक प्रमुख बुनियादी ढांचे की उपलब्धि, बड़कोट -सिलक्यारा बेंड टनल परियोजना की सफलता की आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, टनल निर्माण कार्य के सफल समापन को देखने के लिए उपस्थित थे। प्रमुख इंजीनियरिंग और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टिंग कंपनी रोडिक कंसल्टेंट्स ने इस परियोजना में निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार (Construction Supervision Consultant) की भूमिका निभाई। कंपनी ने टनल निर्माण के सभी चरणों को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कराने में अहम योगदान दिया। अपनी जिम्मेदारियों के तहत, रोडिक ने निर्माण कार्यों की निगरानी की और डिजाइन फाइनल करने, सुरक्षा उपायों और इंजीनियरिंग मानकों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर एनएचआईडीसीएल और ठेकेदार को सलाह दी। रोडिक कंसल्टेंट्स ने सीमेंट, कंक्रीट और एग्रीगेट्स के लिए ऑन-साइट परीक्षणों की देखरेख की और स्प्रेड कंक्रीट और रॉक बोल्ट्स के फील्ड टेस्ट किए, जिससे सख्त गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित किया गया। संगठन ने जनशक्ति और मशीनरी के उपयोग को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाई, ताकि कार्यस्थल पर सुरक्षा और दक्षता बनी रहे। डिजिटल नवाचार को अपनाते हुए, रोडिक ने एक डिजिटल रिक्वेस्ट फॉर इंस्पेक्शन (RFI) सिस्टम और प्रोजेक्ट डेटा प्रबंधन का डिजिटलीकरण किया, जिससे साइट पर पारदर्शिता, दक्षता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। नई उपलब्धि पर बोलते हुए रोडिक कंसल्टेंट्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री राज कुमार ने कहा, “हमें बड़कोट -सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता में अपनी अहम भूमिका पर गर्व है। निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार के रूप में, रोडिक ने पूरे निर्माण कार्य में इंजीनियरिंग गुणवत्ता, सुरक्षा और उत्कृष्टता के सर्वोच्च मानकों को सुनिश्चित किया। हमारी टीम ने परियोजना डेटा के डिजिटलीकरण और डिजिटल आरएफआई सिस्टम जैसे नवाचारों के ज़रिए काम की पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बेहतर बनाया। हम मानते हैं कि यह केवल एक निर्माण उपलब्धि नहीं, बल्कि हर मौसम में बेहतर कनेक्टिविटी, क्षेत्रीय विकास और स्थानीय समुदायों के लिए एक मजबूत भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम भारत सरकार, एनएचआईडीसीएल और अपने सभी प्रोजेक्ट सहयोगियों का उनके निरंतर सहयोग और विश्वास के लिए आभार व्यक्त करते हैं।” इस दिन नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी की गई। 4.531 किलोमीटर लंबी यह दो लेन की एकतरफा टनल एनएच-134 (पुराना एनएच-94) पर धरासू और यमुनोत्री के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी देने के लिए बनाई गई है। यह टनल यात्रा का समय एक घंटे से घटाकर सिर्फ़ पाँच मिनट कर देती है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील जंगलों की भी सुरक्षा होगी। इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल की सफलता उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में पूरे देश में निरंतर विकास हुआ है और उत्तराखंड उस यात्रा में गर्व से योगदान दे रहा है। माननीय मुख्यमंत्री ने विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, मार्गदर्शन और सहयोग के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। सभा को संबोधित करते हुए, श्री अजय टम्टा ने टनल के निर्माण की सफलता के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में, इस परियोजना ने बहुत तेज़ी से प्रगति की है और उत्तराखंड के विकास की गति को पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उल्लेखनीय प्रगति देख रहा है, और चार धाम मार्ग पर सिंगल-लेन सड़कों का दो-लेन राजमार्गों में रूपांतरण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। टनल के निर्माण के बाद, परियोजना अब अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है, जिसमें सड़क निर्माण और विद्युत तथा यांत्रिक प्रणालियों की स्थापना शामिल है। बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल आधुनिक इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग का उदाहरण है।

वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगजनों के लिए विशेष पेंशन शिविरों का आयोजन किया गया, जहां हजारों लाभार्थियों को तत्काल सहायता प्रदान की गई। यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी जरूरतमंद सरकारी सहायता से वंचित न रहे।

जनता ने जताया आभार, सरकार के प्रयासों को सराहा

शिविरों के सफल आयोजन के बाद प्रदेश के कोने-कोने से जनता ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में नागरिकों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अब योजनाओं का लाभ पाना और अधिक आसान हो गया है। कई लाभार्थियों ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार की नीतियां सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं बल्कि धरातल पर क्रियान्वित हो रही हैं। इससे उनका जीवन स्तर बेहतर हुआ है और समस्याओं का समाधान तेजी से हुआ है।

जनहित सर्वोपरि: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “हमारी सरकार ने हमेशा जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और यह बहुउद्देशीय शिविर इसी का प्रमाण हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के संकल्प को साकार करते हुए हमने हर नागरिक तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का कार्य किया है। समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को भी विकास से जोड़ना ही हमारा संकल्प है।”

भविष्य में भी जारी रहेगा जनसेवा का संकल्प

सरकार की इस ऐतिहासिक पहल ने जनविश्वास और सुशासन को और मजबूत किया है। इस आयोजन की सफलता को देखते हुए भविष्य में भी ऐसे शिविरों के आयोजन की योजना बनाई जा रही है, ताकि अधिक से अधिक लोग सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। उत्तराखंड सरकार सेवा, सुशासन और विकास के मार्ग पर अटल संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है।

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