प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए 09 आग्रह उत्तराखण्ड राज्य के विकास के मूलमंत्र : सीएस राधा रतूड़ी

देहरादून : मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड राज्य के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिये गये संबोधन में उत्तराखण्ड राज्य के निवासियों एवं उत्तराखण्ड में बाहर से आने वाले पर्यटकों से किये गए आग्रहो के अनुपालन एवं प्रभावी क्रियान्वयन हेतु अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवो, सचिवो, प्रभारी सचिवो एवं सभी जिलाधिकारी को  निर्देश दिए गए हैं | मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आग्रह के अनुपालन हेतु गढ़वाली, कुमाऊनी, जौनसारी जैसी स्थानीय बोलियों के संरक्षण के संबंध में  उच्च शिक्षा एवं विद्यालयी शिक्षा  विभाग को एक कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं |

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु किये गए आग्रह के सम्बन्ध में वन एवं पर्यावरण विभाग को एक कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आग्रह किया था कि “देव भूमि के लोग प्रकृति और पर्यावरण के कितने बड़े प्रेमी होते हैं। यह पूरा देश जानता है। उत्तराखण्ड तो गौरा देवी की भूमि है और यहां हर महिला मां नंदा का रूप है। बहुत आवश्यक है कि हम प्रकृति की रक्षा करें। इसलिए मेरा दूसरा आग्रह है- एक पेड़ मां के नाम, हर किसी ने इस आंदोलन को आगे बढ़ाना है। आजकल आप देख रहें हैं देश भर में ये अभियान तेज गति से चल रहा है। उत्तराखण्ड भी इस दिशा में जितनी तेजी से काम करेगा, उतना ही हम क्लाईमेट चेंज की चुनौती से लड़ पाएंगे।”

ये भी पढ़ें:  बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता: उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक क्षण देहरादून: एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, एनएच-134 पर एक प्रमुख बुनियादी ढांचे की उपलब्धि, बड़कोट -सिलक्यारा बेंड टनल परियोजना की सफलता की आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, टनल निर्माण कार्य के सफल समापन को देखने के लिए उपस्थित थे। प्रमुख इंजीनियरिंग और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टिंग कंपनी रोडिक कंसल्टेंट्स ने इस परियोजना में निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार (Construction Supervision Consultant) की भूमिका निभाई। कंपनी ने टनल निर्माण के सभी चरणों को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कराने में अहम योगदान दिया। अपनी जिम्मेदारियों के तहत, रोडिक ने निर्माण कार्यों की निगरानी की और डिजाइन फाइनल करने, सुरक्षा उपायों और इंजीनियरिंग मानकों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर एनएचआईडीसीएल और ठेकेदार को सलाह दी। रोडिक कंसल्टेंट्स ने सीमेंट, कंक्रीट और एग्रीगेट्स के लिए ऑन-साइट परीक्षणों की देखरेख की और स्प्रेड कंक्रीट और रॉक बोल्ट्स के फील्ड टेस्ट किए, जिससे सख्त गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित किया गया। संगठन ने जनशक्ति और मशीनरी के उपयोग को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाई, ताकि कार्यस्थल पर सुरक्षा और दक्षता बनी रहे। डिजिटल नवाचार को अपनाते हुए, रोडिक ने एक डिजिटल रिक्वेस्ट फॉर इंस्पेक्शन (RFI) सिस्टम और प्रोजेक्ट डेटा प्रबंधन का डिजिटलीकरण किया, जिससे साइट पर पारदर्शिता, दक्षता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। नई उपलब्धि पर बोलते हुए रोडिक कंसल्टेंट्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री राज कुमार ने कहा, “हमें बड़कोट -सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता में अपनी अहम भूमिका पर गर्व है। निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार के रूप में, रोडिक ने पूरे निर्माण कार्य में इंजीनियरिंग गुणवत्ता, सुरक्षा और उत्कृष्टता के सर्वोच्च मानकों को सुनिश्चित किया। हमारी टीम ने परियोजना डेटा के डिजिटलीकरण और डिजिटल आरएफआई सिस्टम जैसे नवाचारों के ज़रिए काम की पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बेहतर बनाया। हम मानते हैं कि यह केवल एक निर्माण उपलब्धि नहीं, बल्कि हर मौसम में बेहतर कनेक्टिविटी, क्षेत्रीय विकास और स्थानीय समुदायों के लिए एक मजबूत भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम भारत सरकार, एनएचआईडीसीएल और अपने सभी प्रोजेक्ट सहयोगियों का उनके निरंतर सहयोग और विश्वास के लिए आभार व्यक्त करते हैं।” इस दिन नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी की गई। 4.531 किलोमीटर लंबी यह दो लेन की एकतरफा टनल एनएच-134 (पुराना एनएच-94) पर धरासू और यमुनोत्री के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी देने के लिए बनाई गई है। यह टनल यात्रा का समय एक घंटे से घटाकर सिर्फ़ पाँच मिनट कर देती है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील जंगलों की भी सुरक्षा होगी। इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल की सफलता उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में पूरे देश में निरंतर विकास हुआ है और उत्तराखंड उस यात्रा में गर्व से योगदान दे रहा है। माननीय मुख्यमंत्री ने विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, मार्गदर्शन और सहयोग के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। सभा को संबोधित करते हुए, श्री अजय टम्टा ने टनल के निर्माण की सफलता के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में, इस परियोजना ने बहुत तेज़ी से प्रगति की है और उत्तराखंड के विकास की गति को पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उल्लेखनीय प्रगति देख रहा है, और चार धाम मार्ग पर सिंगल-लेन सड़कों का दो-लेन राजमार्गों में रूपांतरण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। टनल के निर्माण के बाद, परियोजना अब अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है, जिसमें सड़क निर्माण और विद्युत तथा यांत्रिक प्रणालियों की स्थापना शामिल है। बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल आधुनिक इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग का उदाहरण है।

 मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नदियों के संरक्षण हेतु किए गए आग्रह के अनुपालन हेतु जलागम विभाग को एक कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आग्रह किया गया था कि “उत्तराखण्ड में तो नौलो धारों की पूजा की परंपरा है। आप सभी नदी-नौलों का संरक्षण करें, पानी की स्वच्छता को बढ़ाने वाले अभियानों को गति दे, यह मेरा आपसे तीसरा आग्रह है।”

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रदेशवासियों से अपने गांवो से जुड़ने के आग्रह के अनुपालन हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को एक कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आग्रह किया था कि “मेरा चौथा आग्रह है अपनी जड़ों से जुड़े रहें, अपने गांव लगातार जाएं और रिटायरमेंट के बाद तो जरूर अपने गांवों में जाएं। वहां से संबंध मजबूत रखें।”

 मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रदेशवासियों से अपने गांवो में परंपरागत घरों के  संरक्षण हेतु किए गए आग्रह के अनुपालन हेतु पर्यटन विभाग को एक कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आग्रह किया था कि   “उत्तराखण्ड के लोगों से मेरा पांचवा आग्रह है अपने गांव के पुराने घरों, जिन्हें आप विवरी वाले घर कहते हैं, उन्हें भी बचाएं। इन घरों को भूले नहीं। इन्हें होमस्टे बनाकर, अपनी आय बढ़ाने का साधन बना सकते हैं।”

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मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बाहर से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं से किए गए चार आग्रह के अनुपालन हेतु पर्यटन विभाग को समस्त संबंधित विभागों से यथावश्यक समन्वय करते हुए जन जाग्रति लाने हेतु एक कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं | माo प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आग्रह किया था कि  “उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटकों की संख्या हर साल बढ़ रही है और देश के कोने-कोने से आते हैं. विदेशों से आते हैं। पहला आग्रह है जब भी आप हिमालय की गोद में पहाड़ों पर घूमने जाएं। स्वच्छता को सर्वोपरि रखें। इस प्रण के साथ जाएं कि आप सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करेंगे।”  “दूसरा आग्रह है- वोकल फॉर लोकल के मंत्रों को वहां भी याद रखें। आपकी यात्रा का जो खर्च होता है, उसमें से कम से कम 5% स्थानीय लोगों के द्वारा उत्पादित किए गए प्रोडक्ट खरीदनें में खर्च करें।”  “तीसरा आग्रह है- पहाड़ पर जाएं तो वहां के ट्रैफिक नियमों का जरूर ध्यान रखें। सावधान रहें. हर किसी का जीवन अमूल्य है।” “मेरा चौथा आग्रह है- धार्मिक स्थलों के रीति-रिवाजों वहां के नियम कायदों के बारे में यात्रा से पहले जरूर पता कर लें। वहां की मर्यादा का जरूर ध्यान रखें। इसमें आपको उत्तराखण्ड के लोगों से बहुत मदद मिल सकती है।”

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मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्य के समग्र विकास हेतु किये गये उक्त सभी आग्रहों के अनुपालन हेतु सभी विभागों द्वारा  सम्बन्धित बिन्दुओं पर यथावश्यक कार्यवाही की जानी है | इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए हैं कि  उत्तराखण्ड राज्य में बाहर से आने वाले पर्यटकों से किये गये आग्रहों का भी व्यापक प्रचार-प्रसार करने हेतु यथोचित कार्यवाही  तथा समय-समय पर उक्त के संबंध में की जा रही कार्यवाही से मुख्य सचिव को अवगत कराया जाएगा ।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए उक्त नौ आग्रह उत्तराखण्ड राज्य के सर्वांगीण विकास सहित देश के विकास में सहायक है।

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